मंगल ग्रह का महत्व – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार
ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को साहस, ऊर्जा, और पराक्रम का कारक माना गया है। यह ग्रह जातक के भीतर कार्यक्षमता, संघर्ष करने की क्षमता, और दृढ़ संकल्प को जागृत करता है। मंगल को अग्नि तत्व का ग्रह कहा गया है और यह मेष (Aries) एवं वृश्चिक (Scorpio) राशियों का स्वामी है।
मंगल के प्रमुख गुण
1. साहस और पराक्रम:
मंगल साहस और शक्ति का प्रतीक है। यह जातक को जोखिम उठाने और जीवन की चुनौतियों से जूझने का बल प्रदान करता है।
2. भौतिक संपत्ति का कारक:
मंगल भूमि, भवन और वाहन का कारक है। इसकी शुभ स्थिति प्रचुर संपत्ति और सुख-सुविधाएँ प्रदान करती है।
3. स्वास्थ्य और बल:
यह शरीर में रक्त, मांसपेशियों और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। अशुभ स्थिति में चोट, दुर्घटना, या रक्त-संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है।
4. वैवाहिक जीवन पर प्रभाव:
मंगल की स्थिति विवाह और पारिवारिक जीवन को प्रभावित करती है। गलत स्थान पर स्थित होने पर मंगलीक दोष उत्पन्न करता है, जिससे वैवाहिक जीवन में संघर्ष हो सकता है।
मंगल के शुभ प्रभाव• साहसिक कार्यों में सफलता। • सैन्य, पुलिस और खेल जैसे क्षेत्रों में उन्नति। • नेतृत्व क्षमता और मजबूत मानसिकता। • संपत्ति और प्रॉपर्टी का लाभ।
मंगल के अशुभ प्रभाव• क्रोध और आक्रामकता। • दुर्घटनाएँ और शारीरिक चोट। • वैवाहिक जीवन में मतभेद और संघर्ष।
मंगल ग्रह के उपाय1. मंगलवार का व्रत रखें। 2. हनुमान जी की पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करें। 3. “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। 4. मूंगा रत्न (लाल कोरल) धारण करें (ज्योतिषीय परामर्श के बाद)। 5. मसूर की दाल, तांबा और लाल कपड़ों का दान करें।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल की सही स्थिति जातक के जीवन में साहस, सफलता और संपत्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। अपनी कुंडली में मंगल की स्थिति जानने और उपाय प्राप्त करने के लिए Yagya Ashram से संपर्क करें।
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सत्यं जीवनस्य मूलं, अनन्तमानन्दः फलम्।